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रविवार, 27 मई 2012

34. ईमानदार

 
बहुत  पसंद हैं मुझे 
ईमानदार  लोग ,
धारा के विरुद्ध  चलनेवाले ,
निज़ी स्वार्थों से परे,
अन्दर से मजबूत,
फिसलन  पर भी जो 
डटकर खड़े रहते हैं।

बेईमानों की दुनियां में 
ईमानदार  मिलते कहाँ हैं?
इनको सहेजना ज़रूरी है,
देखना ज़रूरी है 
कि इनकी ज़मात  
कहीं लुप्त न हो जाय .

बहुत  पसंद हैं मुझे 
ईमानदार लोग,
बहुत  इज्ज़त  है 
मेरे मन  में उनकी,
मुझे बस  उनकी 
यही बात  पसंद नहीं 
कि वे अपने अलावा सबको 
बेईमान  समझते हैं।

12 टिप्‍पणियां:

  1. वाह....
    क्या बात कह दी सर
    एक दम सटीक.....
    बहुत खूब.

    सादर.

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  2. उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...

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  3. मुझे बस उनकी
    यही बात पसंद नहीं
    कि वे अपने अलावा सबको
    बेईमान समझते हैं।

    सुंदर सटीक प्रस्तुति,,,,,

    RECENT POST ,,,,, काव्यान्जलि ,,,,, जिस्म महक ले आ,,,,,

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  4. बहुत पसंद हैं मुझे
    ईमानदार लोग,
    बहुत इज्ज़त है
    मेरे मन में उनकी,
    मुझे बस उनकी
    यही बात पसंद नहीं
    कि वे अपने अलावा सबको
    बेईमान समझते हैं। kya baat hai

    जवाब देंहटाएं
  5. हा हा ... सभी तो ऐसे नहीं होते ... नहीं तो सब ही बिमान न होते ...
    व्यंगात्मक सार्थक रचना ...

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  6. बहुत सुन्दर सटीक अभिव्यक्ति....

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत इज्ज़त है
    मेरे मन में उनकी,
    मुझे बस उनकी
    यही बात पसंद नहीं
    कि वे अपने अलावा सबको
    बेईमान समझते हैं।
    बहुत सुन्दर प्यारी रचना .ईमान की कद्र बहुत जरुरी है ..हाँ ओंकार जी ये तो जायज नहीं की सब को बेईमान समझा जाए उनके जैसे बहुतेरे हैं अभी इस धरा पर ...जय श्री राधे - भ्रमर 5

    भ्रमर का दर्द और दर्पण

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  8. मुझे बस उनकी
    यही बात पसंद नहीं
    कि वे अपने अलावा सबको
    बेईमान समझते हैं।

    सुंदर अभिव्यक्ति ...!!
    शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  9. अपनी अपनी सोच ..
    हर इमानदार ऐसा नहीं होता

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