बुझे हुए दिए ने कहा,
मुझे ज़रा साफ़ कर दो,
थोड़ा तेल डाल दो मुझमें,
एक बाती भी लगा दो,
मुझे तैयार रहना है.
अभी तो सूरज चमक रहा है,
अँधेरा भाग गया है कहीं,
किसी को याद नहीं मेरी,
पर धीरे-धीरे सूर्यास्त होगा,
अँधेरा आ धमकेगा हक़ से,
तब मुझे फिर से जलना होगा.
बीती कई रातों में मैंने
दूर भगाया है अँधेरा,
राह दिखाई है भटकों को,
पर मैं थका नहीं हूँ,
मैं अभी चुका नहीं हूँ,
मैं संतुष्ट नहीं हुआ हूँ.
मैं फिर से जलना चाहता हूँ,
थोड़ी मदद कर दो मेरी,
तेल और बाती डाल दो मुझमें,
लायक बना दो मुझको,
ताकि जैसे ही मेरी ज़रूरत हो,
तुम मुझे प्रज्जवलित कर सको.
मुझे ज़रा साफ़ कर दो,
थोड़ा तेल डाल दो मुझमें,
एक बाती भी लगा दो,
मुझे तैयार रहना है.
अभी तो सूरज चमक रहा है,
अँधेरा भाग गया है कहीं,
किसी को याद नहीं मेरी,
पर धीरे-धीरे सूर्यास्त होगा,
अँधेरा आ धमकेगा हक़ से,
तब मुझे फिर से जलना होगा.
बीती कई रातों में मैंने
दूर भगाया है अँधेरा,
राह दिखाई है भटकों को,
पर मैं थका नहीं हूँ,
मैं अभी चुका नहीं हूँ,
मैं संतुष्ट नहीं हुआ हूँ.
मैं फिर से जलना चाहता हूँ,
थोड़ी मदद कर दो मेरी,
तेल और बाती डाल दो मुझमें,
लायक बना दो मुझको,
ताकि जैसे ही मेरी ज़रूरत हो,
तुम मुझे प्रज्जवलित कर सको.