आजकल मैं कभी-कभी
तुम्हारे बिस्तर पर लेट जाता हूँ,
मुझे लगता है, मेरी बगल में,
मेरे साथ, तुम भी लेटे हो,
चुपचाप...
मैं जब तुम्हारे कमरे में जाता हूँ,
मुझे तुम्हारी सांसें सुनाई देती हैं,
तुम्हारे पसंदीदा सीरियल देखता हूँ,
तो तुम्हारी हंसी सुनाई देती है.
आजकल मैं कभी-कभी
उन पगडंडियों पर निकल पड़ता हूँ,
जहाँ तुम चला करते थे,
मुझे लगता है,
तुम मेरे साथ चल रहे हो,
बस कुछ पूछने ही वाले हो
और मैं उत्तर देने को बेताब.
आजकल कभी-कभी
मैं तुम्हारी पुरानी कमीज़ पहन लेता हूँ,
मुझे लगता है,
तुम मेरे बहुत करीब हो,
बिल्कुल मुझसे चिपके हुए.
अब वह पुरानी कमीज़
जगह-जगह से फट गई है,
उसके रंग भी उड़ गए हैं,
रफ़ू के लायक नहीं रही वह,
अब उसे पहनना संभव नहीं.
तुम परदेस क्या गए,
वहीँ के हो गए,
सालों बीत गए तुम्हें देखे,
अब तो चले आओ.
तुम्हारे बिस्तर पर लेट जाता हूँ,
मुझे लगता है, मेरी बगल में,
मेरे साथ, तुम भी लेटे हो,
चुपचाप...
मैं जब तुम्हारे कमरे में जाता हूँ,
मुझे तुम्हारी सांसें सुनाई देती हैं,
तुम्हारे पसंदीदा सीरियल देखता हूँ,
तो तुम्हारी हंसी सुनाई देती है.
आजकल मैं कभी-कभी
उन पगडंडियों पर निकल पड़ता हूँ,
जहाँ तुम चला करते थे,
मुझे लगता है,
तुम मेरे साथ चल रहे हो,
बस कुछ पूछने ही वाले हो
और मैं उत्तर देने को बेताब.
आजकल कभी-कभी
मैं तुम्हारी पुरानी कमीज़ पहन लेता हूँ,
मुझे लगता है,
तुम मेरे बहुत करीब हो,
बिल्कुल मुझसे चिपके हुए.
अब वह पुरानी कमीज़
जगह-जगह से फट गई है,
उसके रंग भी उड़ गए हैं,
रफ़ू के लायक नहीं रही वह,
अब उसे पहनना संभव नहीं.
तुम परदेस क्या गए,
वहीँ के हो गए,
सालों बीत गए तुम्हें देखे,
अब तो चले आओ.