सड़कें बंद हैं,
रास्ता रोके खड़े हैं
पुलिस के बैरियर,
आड़ी-तिरछी बेतरतीब
बिखरी हुई हैं गाड़ियाँ,
सूई भर जगह नहीं सरकने को,
हाल बेहाल है
धुएं और गर्मी से,
बीमार सोए हैं पिछली सीटों पर
अस्पताल के इंतज़ार में,
आख़िरी सांसें चल रही हैं कइयों की,
कई मांओं ने जन दिए हैं
ऑटो में ही अपने बच्चे.
लगता है, कोई विशिष्ट मेहमान
आज शहर में आया है.
रास्ता रोके खड़े हैं
पुलिस के बैरियर,
आड़ी-तिरछी बेतरतीब
बिखरी हुई हैं गाड़ियाँ,
सूई भर जगह नहीं सरकने को,
हाल बेहाल है
धुएं और गर्मी से,
बीमार सोए हैं पिछली सीटों पर
अस्पताल के इंतज़ार में,
आख़िरी सांसें चल रही हैं कइयों की,
कई मांओं ने जन दिए हैं
ऑटो में ही अपने बच्चे.
लगता है, कोई विशिष्ट मेहमान
आज शहर में आया है.