अब भी हम वैसे ही मिलते हैं,
जैसे पहले मिला करते थे,
वैसी ही बातें करते हैं,
जैसी पहले किया करते थे.
बातों में वही शब्द,
होठों पर वही मुस्कुराहट,
सब कुछ वही है,
फिर भी मुझे क्यों लगता है
कि हम वैसे नहीं रहे,
जैसे कभी हुआ करते थे?
हमारे बीच वह क्या है,
जो कभी था,
पर अब नहीं है?
कुछ तो है,
जो मैं नहीं समझ पाया,
शायद तुमने समझा हो,
अगर हाँ, तो मुझे भी बताना.
ज़रूरी नहीं होता
एक साथ समझ जाना,
पर ज़रूरी होता है
जल्दी-से-जल्दी
दोनों का जान जाना.