क्यों सिसकता रहता है हर वक़्त
मेरे घर का नल?
खुलकर रोता क्यों नहीं?
दहाड़ें मारकर रोए,
तो शायद कोई इलाज भी करवाए.
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कुछ बोलता नहीं,
रोता ही रहता है
मेरे घर का नल,
वह कुछ कहता नहीं,
मैं कुछ समझता नहीं.
***
रात भर जगा रहता हूँ,
रो लेता हूँ कभी-कभी,
उचटती रहती है नींद
मेरे घर के नल की,
वह भी टपका देता है
एकाध बूँद पानी.
***
नल चू रहा है,
तो चूने दो थोड़ी देर,
अच्छा नहीं होता हमेशा
रोते को चुप कराना.