कभी उससे मिलो,
तो ज़बर्दस्ती ही सही,
उसकी मुट्ठी खोल देना,
उसमें मेरी रेखाएँ बंद हैं,
उन्हें मेरे हाथ में होना चाहिए.
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न जाने कब से
जकड़ रखा है उसने
बंद मुट्ठी में मुझे,
साँस नहीं ले पा रहा मैं,
इतना हताश हूँ
कि कोशिश भी नहीं कर रहा
मुट्ठी खुलवाने की.
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इंतज़ार मत करो
कि कोई और खोलेगा
उसकी बंद मुट्ठी,
तुम्हारा दम घुट रहा है,
तो तुम्हीं हिम्मत दिखाओ,
दाँतों से काट खाओ ,
मुट्ठी खुलवाओ
आज़ाद हो जाओ.
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जब वह कहता है
कि तुम बहुत अच्छी हो,
तो उसका मतलब कुछ और नहीं,
बस इतना ही होता है
कि तुम उसकी मुट्ठी में हो.
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कितनी नादान हो,
जो सोच रही हो
कि तुम उसे अपनी
उंगलियों पर नचा रही हो,
तुम्हें पता ही नहीं है
कि तुम ख़ुद उसकी मुट्ठी में हो.