हवाओं,
मेरे बुझने पर मत इतराओ,
अभी मेरा अंत नहीं हुआ है.
अभी मुझमें थोड़ा तेल बाकी है,
अधजली बाती अभी शेष है,
मुझे इंतज़ार है बस एक लौ का
जो मुझे फिर से प्रज्जवलित करे.
मेरी बाती जलकर राख हो जाय
तो भी मेरा अंत नहीं होगा,
तेल खत्म हो जाय, तो भी नहीं,
नई बाती, थोड़ा तेल और एक लौ,
बस, मैं फिर जल उठूँगा.
हवाओं,
विजय का जश्न मत मनाओ,
मैं बुझा हूँ, हारा नहीं हूँ,
मुझे हराने के लिए
तुम्हें मुझे तोड़ना होगा.
यह सच है
कि मैं मिट्टी से बना हूँ,
छोटा और कमज़ोर लगता हूँ,
पर मुझे तोड़ना आसान नहीं है,
मुझे तोड़ने के लिए तुम्हें
थोड़ा और ज़ोर लगाना होगा,
मुझे तोड़ने के लिए तुम्हें
थोड़ा और तेज़ बहना होगा.
मेरे बुझने पर मत इतराओ,
अभी मेरा अंत नहीं हुआ है.
अभी मुझमें थोड़ा तेल बाकी है,
अधजली बाती अभी शेष है,
मुझे इंतज़ार है बस एक लौ का
जो मुझे फिर से प्रज्जवलित करे.
मेरी बाती जलकर राख हो जाय
तो भी मेरा अंत नहीं होगा,
तेल खत्म हो जाय, तो भी नहीं,
नई बाती, थोड़ा तेल और एक लौ,
बस, मैं फिर जल उठूँगा.
हवाओं,
विजय का जश्न मत मनाओ,
मैं बुझा हूँ, हारा नहीं हूँ,
मुझे हराने के लिए
तुम्हें मुझे तोड़ना होगा.
यह सच है
कि मैं मिट्टी से बना हूँ,
छोटा और कमज़ोर लगता हूँ,
पर मुझे तोड़ना आसान नहीं है,
मुझे तोड़ने के लिए तुम्हें
थोड़ा और ज़ोर लगाना होगा,
मुझे तोड़ने के लिए तुम्हें
थोड़ा और तेज़ बहना होगा.