नए साल,
मैंने पलकें बिछा दी हैं
तुम्हारे स्वागत में,
तैयारी कर ली है जश्न की;
इंतज़ाम कर लिया है
थोड़ी-सी आतिशबाजी,
थोड़े से संगीत का;
फैसला कर लिया है
कि दिसंबर की सर्दी में
आधी रात तक जागकर
तुम्हारे आने का इंतज़ार करूंगा ;
ख़ुशी से चीखूंगा,
नाचूँगा, सीटियाँ बजाऊँगा,
जैसे ही तुम पहुँचोगे.
नए साल,
मान रखना मेरे स्वागत का,
टूटने न देना मेरी उम्मीदों को,
मेरे साथ रहना, मेरे बनकर,
गुज़र जाने देना मुझे ख़ुद में से,
जैसे पानी में से मछली.
कोई लम्बा कमिटमेंट नहीं,
बस तीन सौ पैंसठ दिन की बात है.