मैं ध्रुवतारा नहीं हूँ,
पर मुझे कमज़ोर मत समझो,
मैं उतना छोटा नहीं हूँ,
जितना ज़मीन से दिखता हूँ.
तुम्हें बरगला रही हैं
तुम्हारी अपनी सीमाएं,
ज़रा नज़दीक से देखो
तो तुम्हें पता चले
कि वास्तव में मैं क्या हूँ.
पर तुम कैसे नज़दीक आओगे,
कितना नज़दीक आओगे,
तुम्हारे नज़दीक आने की सीमा है.
दर्शक, तुम जहाँ हो, वहीँ रहो,
देखते रहो मेरा टिमटिमाना,
इसी सोच में खुश रहो
कि मैं कितना छोटा हूँ,
कितना प्रकाशहीन,
कितना बेबस!
पर मुझे कमज़ोर मत समझो,
मैं उतना छोटा नहीं हूँ,
जितना ज़मीन से दिखता हूँ.
तुम्हें बरगला रही हैं
तुम्हारी अपनी सीमाएं,
ज़रा नज़दीक से देखो
तो तुम्हें पता चले
कि वास्तव में मैं क्या हूँ.
पर तुम कैसे नज़दीक आओगे,
कितना नज़दीक आओगे,
तुम्हारे नज़दीक आने की सीमा है.
दर्शक, तुम जहाँ हो, वहीँ रहो,
देखते रहो मेरा टिमटिमाना,
इसी सोच में खुश रहो
कि मैं कितना छोटा हूँ,
कितना प्रकाशहीन,
कितना बेबस!