नए साल,
क्यों खटखटा रहे हो दरवाज़ा,
क्यों अधीर हो रहे हो तुम,
इतनी भी जल्दी क्या है तुम्हें
पुराने साल को भगाने
और खुद अंदर आने की.
कौन सा तीर मार लोगे तुम,
पहले भी बहुत साल आए
और यूँ ही गुज़र गए
बिना कुछ कहे, बिना कुछ किए,
फिर मैं कैसे मान लूँ
कि तुम उनसे अलग हो ?
सुनो, नए साल,
तुमको तो आना ही है,
वैसे ही जैसे पुराना साल आया था,
मैं चाहूँ भी तो तुम्हें रोक नहीं सकता,
पर तुम्हारा स्वागत भी नहीं कर सकता।
हाँ,तुमसे इतना वादा ज़रूर है
कि अगर तुमने कुछ कर दिखाया
तो अगले साल तुम्हें
बहुत शान से विदा करूँगा.
क्यों खटखटा रहे हो दरवाज़ा,
क्यों अधीर हो रहे हो तुम,
इतनी भी जल्दी क्या है तुम्हें
पुराने साल को भगाने
और खुद अंदर आने की.
कौन सा तीर मार लोगे तुम,
पहले भी बहुत साल आए
और यूँ ही गुज़र गए
बिना कुछ कहे, बिना कुछ किए,
फिर मैं कैसे मान लूँ
कि तुम उनसे अलग हो ?
सुनो, नए साल,
तुमको तो आना ही है,
वैसे ही जैसे पुराना साल आया था,
मैं चाहूँ भी तो तुम्हें रोक नहीं सकता,
पर तुम्हारा स्वागत भी नहीं कर सकता।
हाँ,तुमसे इतना वादा ज़रूर है
कि अगर तुमने कुछ कर दिखाया
तो अगले साल तुम्हें
बहुत शान से विदा करूँगा.