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बुधवार, 29 नवंबर 2023

७४५ .स्वेटर

 


बहुत प्यार से बुना है 

मैंने तुम्हारे लिए यह स्वेटर,

बहुत मेहनत लगी है इसमें,

ज़िन्दगी के बहुत सारे लम्हे 

लगा दिए हैं मैंने इसे बुनने में,

बिल्कुल फ़िट बैठेगा यह तुम पर,

बहुत जचोगे इसमें तुम.


बस इतना ध्यान रखना  

कि इसके फंदे ही स्वेटर हैं,

उन्हें हटाने की कोशिश मत करना,

वरना सिर्फ़ धागे रह जाएंगे हाथ में,

धागे तुम पहन नहीं पाओगे।

 

बड़े जतन से जब फंदे लगाए जाते हैं,

तब जाकर बनता है एक अच्छा स्वेटर. 




शनिवार, 25 नवंबर 2023

७४४. पुराना घर

 



नया घर पुकारता है, 

कहता है, चले आओ,

यहाँ रहो, 

पर पुराना घर 

कलाई नहीं छोड़ता, 

कहता है,

मैं मानता हूँ 

कि मेरा प्लास्टर झड़ रहा है, 

सीलन से भरे हैं मेरे कमरे,

पर तुम्हारी यादें हैं मुझमें. 


नया घर कहता है,

‘सोचो मत,आ जाओ’,

मैं तुम्हें रहने का सुख दूँगा,

यादों का क्या है, 

मैं भी दूँगा बहुत सारी।


अंततः नया घर जीत जाता है, 

पर नए घर में 

पीछा करती हैं मेरा 

पुराने घर की सिसकियाँ,

इस तरह हर नए घर में 

घुसा रहता है पुराना घर. 


शनिवार, 18 नवंबर 2023

७४३. शोर

 


बहुत शोर है मेरे अंदर, पर कुछ सुनता ही नहीं,

मुझे तो शक़ है, कहीं मैं बहरा तो नहीं. 


बहुत सहा है उसने, पर कहता कुछ नहीं, 

उसके अंदर दबा शोर कहीं गहरा तो नहीं. 


बह रहा है पानी, तो शोर क्यों नहीं है,

नदी जिसे समझा था, सहरा तो नहीं. 


जो शोर कर रहा था, अब चुपचाप क्यों है,

उससे पूछो, उसका ज़मीर कहीं ठहरा तो नहीं. 


अगर बच्चा है वह, तो ख़ामोश क्यों है,

उसके शोर पर किसी का पहरा तो नहीं. 


सोमवार, 13 नवंबर 2023

७४२.बराबर अँधेरा

 




मेरे पड़ोसी की ड्योढ़ी पर

दीया रख गया कोई,

फैल गया उसकी लौ से 

उजाला मेरे दरवाज़े तक. 


अच्छा नहीं लगा मुझे

थोड़ा ज़्यादा उजाला 

पड़ोसी की ड्योढ़ी पर,

जिसने भी दीया रखा,

क्यों नहीं रखा उसने 

मेरी ड्योढ़ी पर?


मैंने बुझा दिया दीया,

अब दोनों जगह अँधेरा था,

मैं ख़ुश था 

कि अँधेरा न कहीं ज़्यादा था,

न कहीं कम,

वह दोनों जगह बराबर था.


गुरुवार, 2 नवंबर 2023

७४१. कुर्सी-टेबल

 


उस घर में 

एक टेबल थी,

एक कुर्सी,

जब से मिले,

साथ-साथ थे

एक ही कमरे में. 


दोनों धीरे-धीरे 

पुराने हो गए हैं,

कुर्सी का एक हाथ, 

टेबल का एक पाँव 

अब टूट गया है. 


इन दिनों कुर्सी बरामदे में, 

टेबल आँगन में है,

उनकी जगह अब 

नई कुर्सी,नया टेबल है. 


दोनों अलग-अलग हैं,

दोनों बेचैन हैं,

दोनों चाहते हैं 

कि साथ-साथ रहें,

जब तक कि वे पूरी तरह

टूट न जायँ.