रेलगाड़ी,
रोज़ तो तुम देर से आती हो,
आज उन्हें जाना है,
तो समय पर आ धमकी?
कौन-सी बदनामी हो जाती,
जो आज भी तुम देर से आती?
क्या बिगड़ जाता तुम्हारा,
जो सिग्नल पर ज़रा रुक जाती?
कौन सा अनर्थ हो जाता,
जो थोड़ी देर सुस्ता लेती?
जिन्हें जाना था,वे तो नहीं माने,
पर तुमने कौन सी दुश्मनी निभाई,
मैंने क्या बिगाड़ा था तुम्हारा,
रेलगाड़ी, तुमने क्यों जल्दी दिखाई?