इन दिनों आसमान में
नहीं दिखते बादल,
धुआँ दिखता है,
नहीं कड़कती बिजली,
बमों के धमाके होते हैं,
नहीं होतीं बौछारें,
मिसाइलें बरसती हैं ।
इन दिनों आसमान में
नहीं उड़ते परिंदे,
लड़ाकू विमान दिखते हैं,
ड्रोन उड़ते हैं।
इन दिनों आसमान में
न सितारे दिखते हैं, न चाँद,
रह-रहकर कौंध जाती हैं
प्रकाश की कटारें।
बहुत दिनों से आसमान में
नहीं दिखा सूरज,
शायद हमारी तरह वह भी
बहुत डरता है युद्ध से।