कविताएँ
गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025
823. दिवाली के बाद
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1. दिवाली के बाद सड़कों पर यूं बिखरा था पटाखों का मलबा, जैसे काम निकल जाने के बाद सही चेहरा दिखे किसी का। 2. पटाखों का मलबा देखा, तो मैंने सो...
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शनिवार, 18 अक्टूबर 2025
822. दिवाली पर कुछ हास्य कविताएं
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मैं आम तौर से हास्य कविताएं नहीं लिखता, पर इस दिवाली में ऐसी कुछ छोटी-छोटी कविताएं लिखी गईं। मैं इस अनुरोध के साथ साझा कर रहा हूँ कि इन्हें ...
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सोमवार, 13 अक्टूबर 2025
821. कीचड़ और कमल
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मैं जिससे निकला हूँ, असहज हूँ उससे, कहाँ मैं कमल, कहाँ वह कीचड़, मैं ख़ुशबू से सराबोर, वह बदबूदार। कोई मेल नहीं मेरा और उसका, उसके ...
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सोमवार, 29 सितंबर 2025
820. ज़ुबिन की याद में
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पिछले दिनों असम के मशहूर गायक ज़ुबिन गर्ग की 52 साल की उम्र में एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। उनकी अंतिम यात्रा में गुवाहाटी में एक जन-स...
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बुधवार, 27 अगस्त 2025
819.पासवर्ड
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मेरी हर फ़ाइल का अलग पासवर्ड है, हर पासवर्ड मुश्किल है, बनाते वक़्त सोचा नहीं था कि ज़रूरी होगा उन्हें याद रखना। अब मेरी फ़ाइलें महफ़ूज़ हैं, क...
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