पत्थर टूट जाते हैं,
चट्टानें दरक जाती हैं,
पहाड़ तक नहीं झेल पाता
डायनामाइट का विस्फोट,
पर यह पतला-सा धागा
न जाने कितना मज़बूत है
कि कभी टूटता ही नहीं.
हाँ, कभी-कभार उलझ जाता है,
पर ज़रा-सी कोशिश से
सुलझ भी जाता है,
जैसे घर की दीवार में
हल्की-सी दरार आ जाए,
जो आसानी से पट जाय
मुट्ठी-भर सीमेंट से.
यह कोई धागा है
या हरी-भरी घास है,
जिसकी जड़ें गहरी हैं,
जो लचक कर रह जाती है
भयंकर आंधी-तूफ़ान में,
जिसमें धराशाई हो जाते हैं
ऊंचे-ऊंचे पेड़.