वह आदमी,
जो फुटपाथ पर सोया है,
सोने दो उसे,
तंग मत करो.
नींद में उसे पता नहीं
कि नर्म बिस्तर पर नहीं है वह,
गाड़ियों का शोर-शराबा
उसे छू भी नहीं रहा,
याद नहीं उसे वे दर्द,
जो उसने सहे हैं.
सपने,जो वह देख रहा है,
जागते में नहीं देख सकता,
उसके होंठों पर अभी
एक दुर्लभ-सी मुस्कान है,
अपने सबसे हसीन पल
अभी जी रहा है वह.
सोने दो उसे,
बेवज़ह तंग मत करो,
इस समय उसे नींद से जगाना
एक ऐसा अपराध होगा,
जिसे माफ़ करना मुश्किल होगा.
जो फुटपाथ पर सोया है,
सोने दो उसे,
तंग मत करो.
नींद में उसे पता नहीं
कि नर्म बिस्तर पर नहीं है वह,
गाड़ियों का शोर-शराबा
उसे छू भी नहीं रहा,
याद नहीं उसे वे दर्द,
जो उसने सहे हैं.
सपने,जो वह देख रहा है,
जागते में नहीं देख सकता,
उसके होंठों पर अभी
एक दुर्लभ-सी मुस्कान है,
अपने सबसे हसीन पल
अभी जी रहा है वह.
सोने दो उसे,
बेवज़ह तंग मत करो,
इस समय उसे नींद से जगाना
एक ऐसा अपराध होगा,
जिसे माफ़ करना मुश्किल होगा.