अस्पताल था,
डॉक्टर थे,
नर्सें थीं,
बेड थे,
दवाइयाँ थीं,
सिलिंडर थे,
बस ऑक्सीजन नहीं थी.
वह इलाज की कमी से नहीं मरा,
लापरवाही से भी नहीं मरा,
उसका मरना महज़ एक दुर्घटना थी.
बहुत ही सटीक चित्रण इस मर्मान्तक दृश्य का।
ओह समय के हर चेहरे का उकेरती कविता...।
बिल्कुल सही...
सटीक विश्लेषण सम सामयिक रचना ओंकार जी🙏🙏
और दुःखद पहलु ये है कि ऐसी दुर्घटनाये आम होती जा रही हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है सभी के लिए
बहुत सटीक और अंतर्मन को छूती रचना ।
बहुत ही सटीक चित्रण इस मर्मान्तक दृश्य का।
जवाब देंहटाएंओह समय के हर चेहरे का उकेरती कविता...।
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही...
जवाब देंहटाएंसटीक विश्लेषण सम सामयिक रचना ओंकार जी🙏🙏
जवाब देंहटाएंऔर दुःखद पहलु ये है कि ऐसी दुर्घटनाये आम होती जा रही हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है सभी के लिए
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक और अंतर्मन को छूती रचना ।
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