मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

५५९.दुर्घटना



अस्पताल था,

डॉक्टर थे,

नर्सें थीं,

बेड थे,

दवाइयाँ थीं,

सिलिंडर थे,

बस ऑक्सीजन नहीं थी. 


वह इलाज की कमी से नहीं मरा,

लापरवाही से भी नहीं मरा,

उसका मरना महज़ एक दुर्घटना थी. 

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सटीक चित्रण इस मर्मान्तक दृश्य का।

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  2. ओह समय के हर चेहरे का उकेरती कविता...।

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  3. सटीक विश्लेषण सम सामयिक रचना ओंकार जी🙏🙏

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  4. और दुःखद पहलु ये है कि ऐसी दुर्घटनाये आम होती जा रही हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है सभी के लिए

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  5. बहुत सटीक और अंतर्मन को छूती रचना ।

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