आज बहुत ख़ुश हूँ मैं.
लम्बी अँधेरी रात में
रौशनी दिखी है कहीं,
नीरव घने जंगल में
कोई चिड़िया चहचहाई है,
भटके हुए राही को
दिखी है कोई पगडंडी,
घने काले बादलों में
कोई बिजली चमकी है.
आज बहुत ख़ुश हूँ मैं,
सालों की यंत्रणा के बाद
आज मेरी मुट्ठी में आया है
गेहूं के दाने जितना सुख.
लम्बी अँधेरी रात में
रौशनी दिखी है कहीं,
नीरव घने जंगल में
कोई चिड़िया चहचहाई है,
भटके हुए राही को
दिखी है कोई पगडंडी,
घने काले बादलों में
कोई बिजली चमकी है.
आज बहुत ख़ुश हूँ मैं,
सालों की यंत्रणा के बाद
आज मेरी मुट्ठी में आया है
गेहूं के दाने जितना सुख.
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसुख सुख ही होता है, एक दाने भर या मुट्ठी भर..सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंसुख कम हो ज्यादा ... बहुत है जिंदगी के लिए ...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया, अत्ति सुंदर ! जारी रखे ! Horror Stories
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा है। ऐसे ही लिखते रहिए। हिंदी में कुछ रोचक ख़बरें पड़ने के लिए आप Top Fibe पर भी विजिट कर सकते हैं
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