क्या आपने चाँद देखा है?
अगर हाँ, तो उसमें धब्बे भी देखे होंगे.
दरअसल ये धब्बे नहीं हैं,
चाँद पर हो रहे वार के निशान हैं.
जैसे ही पूरा चाँद आकाश पर आता है,
उस पर चौतरफा हमले शुरू हो जाते हैं.
पूरे पखवाड़े लड़ता रहता है चाँद,
होता रहता है क्षत-विक्षत,
टुकड़े-टुकड़े हो गायब हो जाता है अंततः
हर रोज़ सहता है चाँद,
हर रोज़ कटता है चाँद
पूरी तरह खत्म होने से पहले,
और हम कहते हैं,
'कितना खूबसूरत होता चाँद
अगर उसमें दाग नहीं होते !'
वाह.................
जवाब देंहटाएंअनोखा नजरिया.............
बहुत खूब
अनु
हर रोज़ सहता है चाँद,
जवाब देंहटाएंहर रोज़ कटता है चाँद
पूरी तरह खत्म होने से पहले,
और हम कहते हैं,
'कितना खूबसूरत होता चाँद
अगर उसमें दाग नहीं होते !
KHOOB SOORAT BHI HO AUR DAG NA HON ....NA MUMKIN..BAHUT PRABHAVSHALI RACHANA LIKHI HAI APNE ....SADAR BADHAI OMKAR JI.
वाह .. क्या जुड़ा अंदाज़ है चाँद कों देखने का ...
जवाब देंहटाएंलाजवाब लगा आपका लिखा ... चाँद कों नए अर्थ देना ...
कितना खूबसूरत होता चाँद
जवाब देंहटाएंअगर उसमें दाग नहीं होते !'... सौन्दर्य से पहले खामी देखना इंसानी फितरत है
बहुत खूब.... सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST...काव्यान्जलि ...:गजल...
waah bahut hi khubsurat
जवाब देंहटाएंएक अलग कोण से चाँद को देखती सुन्दर कविता!
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