१५.नया साल
दस्तक दे रहा है नया साल,
मस्ती छाई है चारों ओर,
न ठण्ड की परवाह, न कोहरे की,
क्या हुआ जो सूरज नहीं निकला
अपना लिहाफ छोड़कर.
नई उम्मीदें,नए सपने,नया संकल्प,
जाते साल के अँधेरे से निकलकर
नई किरण की ओर बढ़ने को
बेताब कदम...
छूट जाएँगी पीछे
साल भर की विफलताएं,
रिश्ते खिल उठेंगे नए रंगों से,
भाग खड़े होंगे दुःख दुम दबाकर,
खुशियों भरा होगा नया साल.
ऐसे ही आता है हर नया साल,
झूठे दिलासों के साथ,
फिर पुराना हो जाता है,
हम बस इंतज़ार करते हैं
उसके जाने और नए के आने का.
दस्तक दे रहा है नया साल,
मस्ती छाई है चारों ओर,
न ठण्ड की परवाह, न कोहरे की,
क्या हुआ जो सूरज नहीं निकला
अपना लिहाफ छोड़कर.
नई उम्मीदें,नए सपने,नया संकल्प,
जाते साल के अँधेरे से निकलकर
नई किरण की ओर बढ़ने को
बेताब कदम...
छूट जाएँगी पीछे
साल भर की विफलताएं,
रिश्ते खिल उठेंगे नए रंगों से,
भाग खड़े होंगे दुःख दुम दबाकर,
खुशियों भरा होगा नया साल.
ऐसे ही आता है हर नया साल,
झूठे दिलासों के साथ,
फिर पुराना हो जाता है,
हम बस इंतज़ार करते हैं
उसके जाने और नए के आने का.
नई उम्मीदें,नए सपने,नया संकल्प,
जवाब देंहटाएंजाते साल के अँधेरे से निकलकर
नई किरण की ओर बढ़ने को
बेताब कदम...
mubarak ho naya saal
ऐसे ही आता है हर नया साल,
जवाब देंहटाएंझूठे दिलासों के साथ,
फिर पुराना हो जाता है,
हम बस इंतज़ार करते हैं
उसके जाने और नए के आने का.
"काव्यान्जलि"--नई पोस्ट--"बेटी और पेड़"--में click करे
आपके पोस्ट पर आना सार्थक हुआ । बहुत ही अच्छी प्रस्तुति । मेर नए पोस्ट "उपेंद्र नाथ अश्क" पर आपकी सादर उपस्थिति प्रार्थनीय है । धन्वाद ।
जवाब देंहटाएंऐसे ही आता है हर नया साल,
जवाब देंहटाएंझूठे दिलासों के साथ,
फिर पुराना हो जाता है,
हम बस इंतज़ार करते हैं
उसके जाने और नए के आने का.
सच्चाई को कहती सटीक रचना ..नव वर्ष की शुभकामनायें
सुंदर क्षणिकाएं
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
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