आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 2022...वक़्त ठहरता नहीं...) पर गुरुवार 28 जनवरी 2021 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सादर नमस्कार, आपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 29-01-2021) को "जन-जन के उन्नायक"(चर्चा अंक- 3961) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद. … "मीना भारद्वाज"
वाह
जवाब देंहटाएंसुंदर मनोहारी अभिव्यक्ति से लबरेज़ नायाब कृति..
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 2022...वक़्त ठहरता नहीं...) पर गुरुवार 28 जनवरी 2021 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंलाजवाब, अति उत्तम शुभप्रभात नमन हरि ओम शरणम्
जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 29-01-2021) को
"जन-जन के उन्नायक"(चर्चा अंक- 3961) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित हैं।
धन्यवाद.
…
"मीना भारद्वाज"
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंकम शब्दों में गहरी बात।
ग़ज़ब। बहुत गहरी बात।
जवाब देंहटाएंबूँदें नहीं जानतीं
जवाब देंहटाएंकि इतना ज़्यादा लगाव
नहीं सुहाता किसी को
किसी का, किसी से...वाह!बहुत ही सुंदर सर।
सादर
नमस्कार ओंकार जी, बूंंद के माध्यम से बहुत खूब लिखा...कि
जवाब देंहटाएंअति सर्वत्र वर्जयेत् ...
उन्हें नहीं पता
जवाब देंहटाएंकि उन्हें उतरना ही होगा,
मिलना ही होगा मिट्टी में,
हारना ही होगा
धूप से, हवा से.
बहुत सुंदर।