अपनी बालकनी में मैंने
उम्मीद का एक दिया जलाया,
क्रूर हवाएँ रातभर चलती रहीं,
दिए की लौ लड़खड़ाती रही,
लगा अब बुझी,अब बुझी.
सुबह उठकर मैंने देखा,
दिया जल रहा था बिना तेल के,
बाती का आख़िरी छोर थामे था लौ को,
हवाएँ ख़ामोश थीं,
दूर आकाश में सूरज निकल रहा था.
सकारात्मकता का संदेश समाहित किये सुन्दर सृजन ।
जवाब देंहटाएंयू ही जले उम्मीद की लौ ,बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंयूँ ही आशा की लौ, नवजीवन का सूर्योदय ला के रहेगी।
जवाब देंहटाएंउम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती है धन्यवाद् Aadharseloan (आप सभी के लिए बेहतरीन आर्टिकल संग्रह जिसकी मदद से ले सकते है आप घर बैठे लोन) Aadharseloan
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा लिखावट , बहुत ही सुंदर और सटीक तरह से जानकारी दी है आपने ,उम्मीद है आगे भी इसी तरह से बेहतरीन article मिलते रहेंगे Best Whatsapp status 2020 (आप सभी के लिए बेहतरीन शायरी और Whatsapp स्टेटस संग्रह) Janvi Pathak
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