कविताएँ
शनिवार, 4 जनवरी 2020
३९५. जीभ
एक जीभ-
मासूम, मुलायम,
बत्तीस दांत-
कठोर,धारदार.
मैं सोच में हूँ,
कैसे बचाएगी
मेरी जीभ ख़ुद को
मेरे ही दांतों से?
1 टिप्पणी:
Anuradha chauhan
11 जनवरी 2020 को 9:05 am बजे
बहुत खूब 👌
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
टिप्पणी जोड़ें
ज़्यादा लोड करें...
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
मोबाइल वर्शन देखें
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
बहुत खूब 👌
जवाब देंहटाएं