तुम जो मुझे खूबसूरत समझते हो,
उसमें मेरा अपना कुछ भी नहीं है,
खूबसूरती तो तुम्हारी आँखों में है,
जो हर चीज़ को खूबसूरत बनाती है.
मेरा गोल होना तुम्हें अच्छा लगता है,
यह तुम्हारी अपनी पसंद है,
हो सकता है तुम्हें सिर्फ़ और सिर्फ़
चौकोर चीज़ें पसंद होतीं.
तुम्हें मेरी चाँदनी पसंद है,
पर हो सकता है
तुम्हें अँधेरा पसंद होता,
तुम्हें शीतलता भाती है,
पर हो सकता है
तुम्हें तेज़ किरणें पसंद होतीं.
वैसे भी मेरा प्रकाश,
जो तुम्हें शीतल लगता है,
अँधेरा दूर करता है,
मेरा अपना नहीं,
किसी और का है.
मैं जो पल-पल रूप बदलता हूँ,
उसमें मेरा कोई हाथ नहीं,
घटना-बढ़ना मेरी मज़बूरी है,
इसका कारण कोई और है.
मुझमें एक ही चीज़ मेरी है,
यह जो मेरे बदन पर
काले-काले बदसूरत धब्बे हैं,
ये बस मेरे अपने हैं.
उसमें मेरा अपना कुछ भी नहीं है,
खूबसूरती तो तुम्हारी आँखों में है,
जो हर चीज़ को खूबसूरत बनाती है.
मेरा गोल होना तुम्हें अच्छा लगता है,
यह तुम्हारी अपनी पसंद है,
हो सकता है तुम्हें सिर्फ़ और सिर्फ़
चौकोर चीज़ें पसंद होतीं.
तुम्हें मेरी चाँदनी पसंद है,
पर हो सकता है
तुम्हें अँधेरा पसंद होता,
तुम्हें शीतलता भाती है,
पर हो सकता है
तुम्हें तेज़ किरणें पसंद होतीं.
वैसे भी मेरा प्रकाश,
जो तुम्हें शीतल लगता है,
अँधेरा दूर करता है,
मेरा अपना नहीं,
किसी और का है.
मैं जो पल-पल रूप बदलता हूँ,
उसमें मेरा कोई हाथ नहीं,
घटना-बढ़ना मेरी मज़बूरी है,
इसका कारण कोई और है.
मुझमें एक ही चीज़ मेरी है,
यह जो मेरे बदन पर
काले-काले बदसूरत धब्बे हैं,
ये बस मेरे अपने हैं.
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंपोस्ट का लिंक कल सुबह 5 बजे ही खुलेगा।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (15-12-13) को "नीड़ का पंथ दिखाएँ" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1462 पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
मन के भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति...!
जवाब देंहटाएंRECENT POST -: मजबूरी गाती है.
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (15-12-13) को "नीड़ का पंथ दिखाएँ" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1462 पर भी होगी!
जवाब देंहटाएंsundar abhivyakti
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट विरोध
new post हाइगा -जानवर
acchi lagi kavita.
जवाब देंहटाएंaabhaar !
बहुत सुन्दर बात कही है.
जवाब देंहटाएंइन धब्बों में ही तो नानी दादी की खूबसूरती दिखाई देती है जो असल है ... चाँद की अपनी है ...
जवाब देंहटाएंफिर क्यों न कहें उसको चाँद ... सबका चाँद ...
अति सुंदर रचना।
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