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सोमवार, 13 जुलाई 2020

४५७. दंड

Hanging Rope, Rope, Hangman, Hanging, Hang, Punishment

यह कहना सही नहीं है 
कि उसे मृत्युदंड मिला है,
दंड अपराध के लिए होता है,
उसका अपराध तो साबित ही नहीं हुआ,
उसे मौक़ा ही नहीं मिला,
तुमने दिया ही नहीं,
तुमने कभी चाहा ही नहीं 
कि उसके साथ न्याय हो.

सुनो,
तुम जिसे मृत्युदंड कहते हो,
वह दरअसल हत्या है.

9 टिप्‍पणियां:

  1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  2. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 14 जुलाई 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (15-07-2020) को     "बदलेगा परिवेश"   (चर्चा अंक-3763)     पर भी होगी। 
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  
    --

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  4. गंभीर चिन्तन व्यक्त करती रचना ।

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  5. सही कहा आपने,ये हत्या ही होती है जिसे झुठा कानुनी लबादा पहना कर मृत्यु दंड़ का नाम दिया जाता है।
    छोटे में गहन भाव ।
    अप्रतिम।

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