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शुक्रवार, 3 जुलाई 2020

४५३. गिलहरी

Squirrel, Young, Young Animal, Mammal

सूखी डालियों पर 
इधर से उधर 
भागती रहती है गिलहरी,
गुदगुदी होती है पेड़ को,
पत्ता-पत्ता हिलता है उसका.
**
वह गिलहरी,
जो फुदकती रहती थी 
पेड़ पर दिनभर,
कहीं चली गई है,
बूढ़ा लगने लगा है पेड़ 
उसके इंतज़ार में.
**
एक नन्ही-सी गिलहरी 
फुदकती रहती है
कभी इस डाल पर,
कभी उस डाल पर,
कभी इस पेड़ पर,
कभी उस पेड़ पर.
कितनी अमीर है 
एक छोटी सी गिलहरी,
पूरा जंगल उसका है.

9 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 05 जुलाई 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति ।

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  3. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार (06-07-2020) को 'नदी-नाले उफन आये' (चर्चा अंक 3754)
    पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    --
    -रवीन्द्र सिंह यादव

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  4. सही कहा अमीर है गिलहरी पूरा जंगल उसका है न कोई ससीमा न सरहद
    वाह!!!
    बहुत सुन्दर।

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  5. एक नन्ही-सी गिलहरी
    फुदकती रहती है
    कभी इस डाल पर,
    कभी उस डाल पर,
    कभी इस पेड़ पर,
    कभी उस पेड़ पर.
    कितनी अमीर है
    एक छोटी सी गिलहरी,
    पूरा जंगल उसका है...बहुत सुंदर अभिव्यक्ति .

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  6. दोहा – बुद्धि हीन तनु जानि के सुमिरौं पवन कुमार।
    बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश बिकार।।

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  7. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  8. बहुत सुंदर ओंकार जी | गिलहरी होती ही है बड़ी प्यारी | उतनी ही प्यारी आपकी रचना | मैंने भी गिल्लू पर एक कविता बहुत पहले लिखी थी उसी का एक अंश --
    फुदकती मस्ती में - हो बड़ी सयानी
    बन बैठी हो पूरी बगिया की महारानी ,
    सुबह ,शाम ना देखती दुपहरी --
    दुनिया में तुम सबसे सुखी हो गिलहरी!!
    इस गिल्लू बेबी से सुखी कौन है दुनिया में !!!

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