नया घर पुकारता है,
कहता है, चले आओ,
यहाँ रहो,
पर पुराना घर
कलाई नहीं छोड़ता,
कहता है,
मैं मानता हूँ
कि मेरा प्लास्टर झड़ रहा है,
सीलन से भरे हैं मेरे कमरे,
पर तुम्हारी यादें हैं मुझमें.
नया घर कहता है,
‘सोचो मत,आ जाओ’,
मैं तुम्हें रहने का सुख दूँगा,
यादों का क्या है,
मैं भी दूँगा बहुत सारी।
अंततः नया घर जीत जाता है,
पर नए घर में
पीछा करती हैं मेरा
पुराने घर की सिसकियाँ,
इस तरह हर नए घर में
घुसा रहता है पुराना घर.