यह कैसा रहस्य है,
एक चाँद आकाश में है,
दूसरा झील में,
कौन किसकी परछाई है?
दोनों एक ही हैं या अलग-अलग?
आकाशवाला चाँद शांत है,
झीलवाला मचल रहा है,
आकाशवाले में दाग़ थोड़े ज़्यादा हैं,
वह दूर भी थोड़ा ज़्यादा है,
यह धरती का चाँद है,
वह किसी और का होगा,
इसे छू भी सकते हैं,
उसे बस देख सकते हैं.
कौन सा चाँद पहले डूबेगा,
जो झील में है वह
या जो झील के बाहर है वह?
या दोनों एक साथ डूबेंगे?
मुझे अच्छे लगते हैं
दोनों ही चाँद,
कितना अच्छा हो,
अगर दोनों अलग-अलग डूबें.
वाह ! ! शायद दोनों अलग-अलग ही डूबते हैं, जान जो नहीं पाते कि अलग-अलग होकर भी दोनों एक ही हैं
जवाब देंहटाएंदोनों ही चाँद अपने आप में बहुत ख़ूबसूरत हैं और उतनी ही ख़ूबसूरत रचना ।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर शनिवार 12 दिसंबर 2023 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
कृपया 12 के स्थान पर 9 दिसंबर पढ़ें.
हटाएंवाह
जवाब देंहटाएंशानदार लिखा... ओंकार जी आपने
जवाब देंहटाएंकाषा की ऐसा हो सके ...
जवाब देंहटाएंवाह जी वाह. दार्शनिक विचार!
जवाब देंहटाएंचांद पर बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति।
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