
धडकनें बढ़ रही हैं,
मन परेशान है,
क्या शुरू होने वाला है
पहले सा पागलपन,
भागना बेमतलब
इधर से उधर?
क्या ख़ाली सड़कों से
उड़ जाएंगी चिड़ियाँ,
क्या उनकी जगह ले लेंगे
रेंगते वाहन, घिसटते पांव?
क्या यूँ ही उगेगा सूरज,
यूँ ही डूब जाएगा,
क्या यूँ ही खिलेंगे फूल
और यूँ ही मुरझा जाएंगे?
क्या लौट जाएंगे हम फिर से
उसी बदहवास युग में,
क्या कुछ भी नहीं सीखेंगे हम
लॉकडाउन के दिनों से?
सादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा मंगलवार (09-06-2020) को
"राख में दबी हुई, हमारे दिल की आग है।।" (चर्चा अंक-3727) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है ।
…
"मीना भारद्वाज"
सासामयिक स्थिति का अच्छा चित्रण।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 08 जून 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंनमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में मंगलवार 09 जून 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सबकी उलझन है यह ...
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंवाह!सही लिखा!
जवाब देंहटाएंवाह!ओंकार जी ,बहुत खूब । सीख लेनी तो चाहिए ...।
जवाब देंहटाएंक्या कुछ भी नहीं सीखेंगे हम
जवाब देंहटाएंलॉकडाउन के दिनों से?
सीखना है होगा बहुत अच्छी रचना
बहुत ही सुंदर रचना ,
जवाब देंहटाएंसादर नमन
जवाब देंहटाएंक्या लौट जाएंगे हम फिर से
उसी बदहवास युग में,
हाँ शायद। ..आदी हो चुके हम बदहवास होने के
काश कुछ सीख पाते मगर। ..नहीं
अच्छी प्रस्तुति
पता नहीं हमने सबक लिया या नहीं ! शायद फिर ऐसा ही होने वाला है
जवाब देंहटाएंसही है! आज यही चिंतन है सब ओर, और मन में डर भी फिर से वही लिजलिजा एहसास।
जवाब देंहटाएंसार्थक सृजन।
बहुत ही उम्दा लिखावट , बहुत ही सुंदर और सटीक तरह से जानकारी दी है आपने ,उम्मीद है आगे भी इसी तरह से बेहतरीन article मिलते रहेंगे
जवाब देंहटाएंBest Whatsapp status 2020 (आप सभी के लिए बेहतरीन शायरी और Whatsapp स्टेटस संग्रह) Janvi Pathak