वैसे तो हम सब
हमेशा लगाते थे,
इन दिनों तो बस
दिखा रहे हैं.
**
जो सामने था,
वही तो मुखौटा था,
अब जो चढ़ा है,
मुखौटे पर मास्क नहीं,
तो और क्या है?
आँखों पर क्यों चढ़ा रखा है?
मुँह और नाक ही काफ़ी था,
मास्क का बहाना बनाकर
कम-से-कम नज़रें तो मत चुराओ.
सुन्दर
सादर नमस्कार,आपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 11-12-2020) को "दहलीज़ से काई नहीं जाने वाली" (चर्चा अंक- 3912) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित है।धन्यवाद.…"मीना भारद्वाज"
आँखों पर क्यों चढ़ा रखा है?मुँह और नाक ही काफ़ी था,मास्क का बहाना बनाकर कम-से-कम नज़रें तो मत चुराओ...बिल्कुल सत्य कथन..।ऐसा हो भी रहा है..।
करारा कटाक्ष...शानदार 🙏💐🙏
जो सामने था,वही तो मुखौटा था,अब जो चढ़ा है,मुखौटे पर मास्क नहीं,तो और क्या हैवाह बहुत सुंदर 👌
आँखों पर क्यों चढ़ा रखा है?मुँह और नाक ही काफ़ी था,मास्क का बहाना बनाकर कम-से-कम नज़रें तो मत चुराओ.सुन्दर सृजन....
आँखों पर क्यों चढ़ा रखा है?मुँह और नाक ही काफ़ी था,मास्क का बहाना बनाकरकम-से-कम नज़रें तो मत चुराओ.वाह!!!बहुत सुन्दर।
वाह गज़ब यथार्थ पर सीधा प्रहार सच सटीक।
सुन्दर
जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 11-12-2020) को "दहलीज़ से काई नहीं जाने वाली" (चर्चा अंक- 3912) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित है।
धन्यवाद.
…
"मीना भारद्वाज"
आँखों पर क्यों चढ़ा रखा है?
जवाब देंहटाएंमुँह और नाक ही काफ़ी था,
मास्क का बहाना बनाकर
कम-से-कम नज़रें तो मत चुराओ...बिल्कुल सत्य कथन..।ऐसा हो भी रहा है..।
करारा कटाक्ष...
जवाब देंहटाएंशानदार 🙏💐🙏
जो सामने था,
जवाब देंहटाएंवही तो मुखौटा था,
अब जो चढ़ा है,
मुखौटे पर मास्क नहीं,
तो और क्या है
वाह बहुत सुंदर 👌
आँखों पर क्यों चढ़ा रखा है?
जवाब देंहटाएंमुँह और नाक ही काफ़ी था,
मास्क का बहाना बनाकर
कम-से-कम नज़रें तो मत चुराओ.
सुन्दर सृजन....
आँखों पर क्यों चढ़ा रखा है?
जवाब देंहटाएंमुँह और नाक ही काफ़ी था,
मास्क का बहाना बनाकर
कम-से-कम नज़रें तो मत चुराओ.
वाह!!!
बहुत सुन्दर।
वाह गज़ब यथार्थ पर सीधा प्रहार सच सटीक।
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