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सोमवार, 30 नवंबर 2020

५०९. कोरोना में लाशें

लाइन में लगे-लगे 

थक गई हैं लाशें,

परेशान हैं,

जलने के इंतज़ार में हैं,

लाशें सोचती हैं 

कि मरने में उतनी मुश्किल नहीं हुई,

जितनी जलने में हो रही है. 

**

लाशें बेताब हैं

अस्पताल से छुट्टी के लिए,

उन्हें डर है 

कि मरीज़ उन्हें देखकर 

डर न जायँ,

बेमौत न मर जायँ.

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चिता पर रखी लाश 

जल्दी जल जाना चाहती है,

उसे उन लाशों की चिंता है,

जो अपनी बारी के इंतज़ार में हैं.

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