मुँह में ज़बान न होने का मतलब
गूँगा होना नहीं है.
हो सकता है,
किसी के मुँह में ज़बान न हो,
पर वह आँखों से बोलता हो.
जो बोलता है,
वह गूँगा नहीं है,
भले वह आँखों से बोले.
वह आदमी ज़रूर गूँगा है,
जो बोल तो सकता है,
पर कुछ बोलता नहीं,
न ज़बान से, न आँखों से.
सादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 20-11-2020) को "चलना हमारा काम है" (चर्चा अंक- 3891) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित है।
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"मीना भारद्वाज"
बहुत सुन्दर और सार्थक रचना।
जवाब देंहटाएंशानदार👌
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब ..।यथार्थपूर्ण अभिव्यक्ति...।
जवाब देंहटाएंwahhhh!!!!
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंलाजवाब...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना...