थोड़े दिन के लिए
चलो,पंछी बनकर देखें,
मुँह अँधेरे उठ जायँ,
चहकें साथ मिलकर,
डाली-डाली, पेड़-पेड़ फुदकें,
जहाँ मर्ज़ी बैठें,
उड़ान भरें मुक्त आकाश में,
सूरज को क़रीब से देखें.
अपने ही घर में झांकें
बंद खिडकियों के पार से,
घोंसला बना लें
कहीं किसी पेड़ पर,
मुंडेर पर रखे कटोरे से
चोंच-भर पानी पी लें,
आँगन में फेंका गया दाना
थोड़ा-सा चुग लें.
बहुत देख लिया इंसान बनकर,
लॉकडाउन खुलने तक
चलो पंछी बनकर देखें.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत देख लिया इंसान बनकर,
जवाब देंहटाएंलॉकडाउन खुलने तक
चलो पंछी बनकर देखें.
बहुत खूब ! अति सुन्दर .
सही कहा थोड़ा सा दाना चुगें थोड़ा दूसरों को भी चुगने दें .....इंसान भी चुगने दें सीमित जीना सीखें
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजवाब सृजन।
बहुत सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंउम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती है धन्यवाद् Aadharseloan (आप सभी के लिए बेहतरीन आर्टिकल संग्रह जिसकी मदद से ले सकते है आप घर बैठे लोन) Aadharseloan
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