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शुक्रवार, 6 मार्च 2020

४०७. कड़ाही

Fry, Potatoes, Pan, Cook, Oil, Boil

सिंक में पड़ी कड़ाही को
साफ़ करते हुए वह सोचती है 
कि वह भी कड़ाही जैसी ही है,
आग पर चढ़ाई जाती है,
फिर उतारी जाती है,
रगड़ी जाती है,
खुरची जाती है,
पटकी जाती है,
धोई जाती है.

उसमें और कड़ाही में
बस इतना-सा फ़र्क है
कि कड़ाही को कभी-कभार 
आराम मिल जाता है.

8 टिप्‍पणियां:


  1. जय मां हाटेशवरी.......

    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    08/03/2020 रविवार को......
    पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में. .....
    सादर आमंत्रित है......

    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    https://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद

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  2. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 07 मार्च 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. बहुत ही सुंदर सृजन आदरणीय सर
    सादर

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  4. वाह, बहुत सुंदर रचना, नारी जीवन की विडंबनाओं को उकेरती हुई! बधाई और आभार।

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