बहुत सारी चिड़ियाँ
तार पर बैठी हैं क़तार में,
जैसे सुस्ता रही हों
एक लम्बी उड़ान के बाद
या तैयारी में हों
एक लम्बी उड़ान की.
लगता है, चिड़ियाँ भोजन के लिए बैठी हैं
और किसी ने सामने से टेबल हटा दी है,
यह भी हो सकता है
कि वे गंभीर चर्चा के लिए
इकठ्ठा हुई हों
और सोच रही हों
कि वर्तमान दौर में
नई चिड़ियों को जन्म देना
कितना सही होगा.
सुंदर सृजन। चिडियों के लिए सभी सम्भावनाएं हैं! आपके अनुमान सही हैं। बधाई। सादर!
जवाब देंहटाएंचिड़ियों के माध्यम से बहुत सुन्दर संदेश देती खूबसूरत कविता।
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (१३-०२-२०२१) को 'वक्त के निशाँ' (चर्चा अंक- ३९७६) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
--
अनीता सैनी
वर्तमान दौर में
जवाब देंहटाएंनई चिड़ियों को जन्म देना
कितना सही होगा....
सटीक रचना..
चिड़ियों को इंगित कर वर्तमान में सटीक है आपकी रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत सारी चिड़ियाँ
जवाब देंहटाएंतार पर बैठी हैं क़तार में,
जैसे सुस्ता रही हों
एक लम्बी उड़ान के बाद
या तैयारी में हों
एक लम्बी उड़ान की....बहुत सुंदर रचना
बहुत सुन्दर.. सांकेतिक भाषा में कही गई अप्रिय बात भी प्रिय लगती है..
जवाब देंहटाएंऔर सोच रही हों
जवाब देंहटाएंकि वर्तमान दौर में
नई चिड़ियों को जन्म देना
कितना सही होगा.
वर्तमान विडंबनाओं पर करारा कटाक्ष ...
शानदार ओंकार जी ❗🙏❗
एक नई और अबूझी दुनिया के वाशिंंदों के लिए हम भी उतने ही अबूझे रहते हैं...सटीक कविता..वाह
जवाब देंहटाएंसच है इंसान तो इंसान बाकी जीव भी सहमे हुए हैं कायनात के बदलाव से
जवाब देंहटाएंकि वर्तमान दौर में
जवाब देंहटाएंनई चिड़ियों को जन्म देना
कितना सही होगा.
चिड़ियों का ये सोच जायज है
बहुत सुंदर ही अभिव्यक्ति,सादर नमस्कार
बहुत सुन्दर , बढ़िया
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