आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (10-01-2021) को ♦बगिया भरी बबूलों से♦ (चर्चा अंक-3942) पर भी होगी। -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। --हार्दिक मंगल कामनाओं के साथ- -- सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' --
सदैव की तरह सुन्दर और चिन्तनपरक सृजन ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (10-01-2021) को ♦बगिया भरी बबूलों से♦ (चर्चा अंक-3942) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--हार्दिक मंगल कामनाओं के साथ-
--
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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अच्छा लगा,
जवाब देंहटाएंतो विदा क्यों किया,
बुरा लगा,
तो मौक़ा क्यों नहीं दिया?
बेहतरीन रचना...
बहुत सुंदर...
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जवाब देंहटाएंबीते साल ने कहा,
साल भर का साथ भी
कोई साथ होता है क्या?
अच्छा लगा,
तो विदा क्यों किया,
बुरा लगा,
तो मौक़ा क्यों नहीं दिया?
,,,,,,,, बहुत सुंदर रचना हमेशा की तरह ।
बहुत सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंछोटे में गहरी बात होती है आपके लेखन में सदा।
बहुत बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुन्दर भाव.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता nice Google photos save
जवाब देंहटाएंJio phone screenshot