आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 12 जनवरी 2021 शाम 5.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (13-01-2021) को "उत्तरायणी-लोहड़ी, देती है सन्देश" (चर्चा अंक-3945) पर भी होगी। -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- हर्षोंल्लास के पर्व लोहड़ी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' --
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 12 जनवरी 2021 शाम 5.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (13-01-2021) को "उत्तरायणी-लोहड़ी, देती है सन्देश" (चर्चा अंक-3945) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हर्षोंल्लास के पर्व लोहड़ी की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
--
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब सर!
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंमुग्धता बिखेरती हुई रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंलाजवाब सृजन ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंछोटी सी कविता में बहुत बड़ा सार छुपा हुआ है..सुन्दर अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएं