एक गुल्लक है,
जिसमें सालों से
मैं पैसे डाल रहा हूँ,
मैंने इसे कभी तोड़ा नहीं,
शायद कभी तोड़ूंगा भी नहीं,
पर जब मैं गुल्लक को हिलाता हूँ
और सिक्कों की खनक सुनाई देती है,
तो न जाने क्यों, मुझे बहुत अच्छा लगता है.
***
कब तक ख़ुश होते रहोगे
सिक्कों की खनखनाहट सुनकर,
कभी तो गुल्लक उठाओ,
दे मारो ज़मीन पर,
बिखर जाने दो सिक्के,
लूट लेने दो, जिसे भी लूटना है,
जितना भी लूटना है.
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गुल्लक में खनकते सिक्के कहते हैं,
बहुत साल हुए हमें बंद हुए,
हमें आज़ाद करो,
किसी के तो काम आने दो.
ओह अद्भुत! एक ही मन की विपरीत अवस्था गहन सृजन।
जवाब देंहटाएंगुल्लक जरूर तोड़े पुरानो को आजाद होने दें नई गुल्लक में नई स्मृतियाँ नये सिक्के।
ख़ुशी को मन में छुपाकर रखने से अच्छा है उसे बांट देना, बाँटने से ख़ुशी बढ़ती है
जवाब देंहटाएंगुल्लक में खनकते सिक्के कहते हैं,
जवाब देंहटाएंबहुत साल हुए हमें बंद हुए,
हमें आज़ाद करो,
किसी के तो काम आने दो.
अत्यंत सुंदर भाव लिए प्रेरक सृजन ।
कब तक ख़ुश होते रहोगे
जवाब देंहटाएंसिक्कों की खनखनाहट सुनकर,
कभी तो गुल्लक उठाओ,
दे मारो ज़मीन पर,
बिखर जाने दो सिक्के,
लूट लेने दो, जिसे भी लूटना है,
जितना भी लूटना है.
बहुत ही प्यारी रचना😍
गुल्लक के खनकते सिक्के और सुंदर जीवन संदर्भ । लाजवाब कृति ।
जवाब देंहटाएंगुल्लक से बाहर आने दो सिक्कों को
जवाब देंहटाएंनमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (23 -10-2021 ) को 'श्वेत केश तजुर्बे के, काले केश उमंग' (चर्चा अंक 4221) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
बेहतरीन रचना।
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना रविवार २४ अक्टूबर २०२१ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
khubsurat manlubhavani rachana
जवाब देंहटाएंsadar pranaam
बहुत बढ़िया
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