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गुरुवार, 27 अगस्त 2020

४७४. औरतें

Cacti, Cactus, Cactuses, Plants, Cactus

कैक्टस जैसी होती हैं औरतें,

तपते रेगिस्तान में 

बिना पानी, बिना खाद के 

जीवित रहती हैं.

उनके नसीब में नहीं होते 

फूल,पत्ते,कलियाँ, 

ठूंठ की तरह उम्र भर 

जीना पड़ता है उन्हें.

काँटों-भरी होती हैं औरतें,

उनके कांटे हरदम 

उन्हीं को चुभते रहते हैं.


10 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 28 अगस्त 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (२९-०८-२०२०) को 'कैक्टस जैसी होती हैं औरतें' (चर्चा अंक-३८०८) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    --
    अनीता सैनी

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  3. वाह!! निशब्द करता लाजवाब सृजन ।

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  4. कांटे की तरह चुभ गई बात
    बात-बात पर आएगी याद

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  5. उनके कांटे हरदम

    उन्हीं को चुभते रहते हैं.
    वाह!!!
    बहुत ही सुन्दर गहन चिन्तनपरक सृजन

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  6. सर चढ़के बोलती है रचना :कैक्टस जैसी होती हैं औरतें,
    तपते रेगिस्तान में

    बिना खाद-पानी के

    जीवित रहती हैं.ओंकार जी वाह !blogpaksh.blogspot.com

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