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शनिवार, 11 मार्च 2023

७०३. कविता

 






मीटिंग के बीच में 

अचानक मेरे दिमाग़ में 

एक कविता कौंध गई,

कविता ने कहा,

सब कुछ छोड़ो,

पहले मुझे लिखो,

मीटिंग तो बाद में भी हो जाएगी,

पर मैं चली गई,

तो लौटकर नहीं आऊंगी. 


मैं कविता से बहुत प्यार करता हूँ,

पर मुझे उससे एक शिकायत है,

किसी ज़िद्दी बच्चे की तरह 

जब कभी वह मचल जाती है,

तो सारे ज़रूरी काम छोड़कर 

उसी को देखना पड़ता है.



6 टिप्‍पणियां:

  1. सत्य कथन । अक्सर व्यस्तता के बीच उपजी कविता के भाव फ्री हो कर लिखने तक खो जाते हैं । सुन्दर सृजन ।

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  2. मैं भी पहले काफी कविताएं और शायरी लिखता था परंतु उन सभी को मैं अपने फोन के स्टोरेज में सेव करता था, 1 दिन अचानक से मेरा फोन खराब हो गया और उसके बाद मेरा कभी दोबारा लिखने का मन ही नहीं किया, पर जब मैं लिखता था तो चाहे मैं रात को 1:00 बजे सोऊंगा 2:00 बजे अगर मुझे कोई नया सुझाव आता था तो तुरंत मैं अलासना करके वह सुझाव लिखता था ताकि कहीं बाद में भूल ना जाऊं

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    1. आपकी कविता अति सुंदर है इसे पढ़कर तन मन प्रसन्न हो गया ऐसे ही कोई तय लिखते रहिए और loan resource app जानने के लिए यहां पढ़ें ।

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  3. आपको अपनी कविताओं पर और ज्यादा ध्यान देना चाहिए आपके लिखने की कला बहुत अच्छी है आप इसे उच्च स्तर पर लेकर जा सकते हैं ऐसे ही अपनी कविताओं से हमारा मनोरंजन करते रहिए, और Youtube channel grow kaise kare के बारे में ज्यादा पढ़े
    धन्यवाद ।

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