पुराने साल,
जाना है, तो जाओ,
पर टच में रहना,
मिल लिया करना ज़ूम पर,
जैसे मिल लेते हैं
विदेशों में बसे बच्चे
पीछे छूटे माँ-बाप से.
**
पुराने साल,
हो सके, तो थोड़ा रुक जाओ,
पूरे कर लेने दो कुछ वादे,
जो तुम्हारे आने पर
मैंने तुमसे किए थे.
**
पुराने साल,
मैंने तुम्हें कभी समझा ही नहीं,
अब तुम जा रहे हो,
तो महसूस होता है
कि तुम बहुत अच्छे थे,
मैं ही बुरा था.
**
पुराने साल,
नया साल आएगा,
तो मैं उसे बताऊंगा
कि तुम कितने अच्छे थे,
जो बात तुमसे कहनी थी,
वह कहूंगा ज़रूर,
पर किसी और से.
**
पुराने साल,
तुम्हारे जाने के बाद
मैं शायद ही तुम्हें याद करूं,
पर लगाए रखूंगा
दीवार पर तुम्हारा कैलेंडर,
जैसे बच्चे लगाए रखते हैं,
माँ-बाप के फ़ोटो,
उनके जाने के बाद.
पुराने साल की विदाई पर बहुत ही प्यारी रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर ! लिखते रहिये !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और भावपूर्ण कृति !
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 01 जनवरी 2023 को साझा की गयी है
जवाब देंहटाएंपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
पुराने साल,
जवाब देंहटाएंजाना है, तो जाओ,
पर टच में रहना,
मिल लिया करना ज़ूम पर,
हर वर्ष कुछ ना कुछ लेकर या देकर जरूर जाता है। भूलना आसान नहीं होता। बहुत प्यारी, सुंदर अभिव्यक्ति।
बहुत सुंदर रचना, नववर्ष मुबारक हो
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