बहुत गर्मी है आज,
सूरज चिलचिला रहा है,
हवाएं ख़ामोश हैं,
पत्ते गुमसुम,
पसीने की जैसे
नदी बह रही है,
पर आज मौसम अच्छा है,
आज तुम घर जो आ रही हो.
जी नमस्ते ,आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(२३-०९-२०२१) को 'पीपल के पेड़ से पद्मश्री पुरस्कार तक'(चर्चा अंक-४१९६) पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है। सादर
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आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 23 सितंबर 2021 को लिंक की जाएगी ....http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!!
बहुत सुंदर भावों अहसास । सुंदर कृति ।
बहुत ही सुंदर रचना!
और मौसम बदल गया 👍😁😁
तुम आ गए हो नूर आ गया है
बहुत सुंदर सृजन
Bahut sundar!!!!
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(२३-०९-२०२१) को
'पीपल के पेड़ से पद्मश्री पुरस्कार तक'(चर्चा अंक-४१९६) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
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जवाब देंहटाएंhindi tech
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आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 23 सितंबर 2021 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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बहुत सुंदर भावों अहसास । सुंदर कृति ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर रचना!
जवाब देंहटाएंऔर मौसम बदल गया 👍😁😁
जवाब देंहटाएंतुम आ गए हो
जवाब देंहटाएंनूर आ गया है
बहुत सुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंBahut sundar!!!!
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