मुझे अपना जन्मदिन अच्छा लगता है,
क्योंकि उस दिन तुमसे बात होती है.
यूँ तो तुम फ़ोन कर लेते हो कभी भी,
होली-दिवाली या उसके बिना भी,
पर मेरे जन्मदिन की शुरुआत
तुम्हारे फ़ोन से ही होती है.
जो होना तय है,
उसके इंतज़ार में मज़ा है,
जो अचानक हो जाय,
उसमें इंतज़ार का मज़ा कहाँ?
काश ऐसा हो सकता
कि साल में एक से ज़्यादा
जन्मदिन हुआ करते
और हर जन्मदिन पर
तुम्हारा फ़ोन आया करता.
सादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शनिवार (07-08-2021) को "नदी तुम बहती चलो" (चर्चा अंक- 4149) पर होगी। चर्चा में आप सादर आमंत्रित हैं।
धन्यवाद सहित।
"मीना भारद्वाज"
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंकाश ऐसा हो सकता
जवाब देंहटाएंकि साल में एक से ज़्यादा
जन्मदिन हुआ करते
और हर जन्मदिन पर
तुम्हारा फ़ोन आया करता
काश की ऐसा होता! मुझे अपना जन्मदिन सिर्फ इसलिए अच्छा लगता है क्योंकि उस दिन मेरा भाई मुझे पर बहुत सार प्यार और अपनापन लुटाता है! वो मुझे दूर रहता साल में एक बार मुलाकात होती है हमारी! क्योंकि वो अपने घर और मैं अपने घर पर रहती हूँ! मुझे अपने जन्मदिन का उसके लाड प्यार को पाने के लिए बेसब्री से रहता है!
ओह भावनाओं में गुंथी रचना..।।
जवाब देंहटाएंगहरी , नाज़ुक संवेदना लिए सृजन।
जवाब देंहटाएंकाश जन्म दिन साल में एक से ज्यादा बार होता...
मासूम भाव।
सुंदर रचना आदरणीय , बहुत बधाइयाँ ।
जवाब देंहटाएंहृदय स्पर्शी सृजन।
जवाब देंहटाएंसादर