पत्थर टूट जाते हैं,
चट्टानें दरक जाती हैं,
पहाड़ तक नहीं झेल पाता
डायनामाइट का विस्फोट,
पर यह पतला-सा धागा
न जाने कितना मज़बूत है
कि कभी टूटता ही नहीं.
हाँ, कभी-कभार उलझ जाता है,
पर ज़रा-सी कोशिश से
सुलझ भी जाता है,
जैसे घर की दीवार में
हल्की-सी दरार आ जाए,
जो आसानी से पट जाय
मुट्ठी-भर सीमेंट से.
यह कोई धागा है
या हरी-भरी घास है,
जिसकी जड़ें गहरी हैं,
जो लचक कर रह जाती है
भयंकर आंधी-तूफ़ान में,
जिसमें धराशाई हो जाते हैं
ऊंचे-ऊंचे पेड़.
सुन्दर महिमा रक्षा बन्धन की ।
जवाब देंहटाएंवाह! पावन प्रेम का प्रतीक धागा भला कैसे टूट सकता है, जब अमर है प्रेम तब!
जवाब देंहटाएंयह कोई धागा है
जवाब देंहटाएंया हरी-भरी घास है,
जिसकी जड़ें गहरी हैं,
जो लचक कर रह जाती है
भयंकर आंधी-तूफ़ान में,
बेहद भावपूर्ण भावाभिव्यक्ति । अति सुन्दर सृजन ।
नम को छूती अद्भुत रचना
जवाब देंहटाएंबधाई
यही तो खासियत है इस कच्चे धागे की ...
जवाब देंहटाएंलाजवाब!!!
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