आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 10 एप्रिल 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
मानव ने अतिक्रमण हद्दे लांघ दी है।अच्छी रचना।
मानव अब बदल रहा है, प्रकृति का सम्मान करना उसे सीखना ही होगा
बहुत सुंदर ,अनिता जी से सहमत हूँ ,नमस्कार
बहुत सुंदर और गहरा कटाक्ष, मनुष्य की हैवानियत पर।
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 10 एप्रिल 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंमानव ने अतिक्रमण हद्दे लांघ दी है।
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना।
मानव अब बदल रहा है, प्रकृति का सम्मान करना उसे सीखना ही होगा
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ,अनिता जी से सहमत हूँ ,नमस्कार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और गहरा कटाक्ष, मनुष्य की हैवानियत पर।
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