वार्डरॉब उदास हैं,
पोशाकें परेशान हैं,
कोई नहीं ले रहा
उनकी सुध,
कोई नहीं पूछ रहा
आईने से
कि कौन सी ड्रेस
फबेगी उस पर.
गहने बंद हैं
पिटारियों में,
हसरत से देख रहे हैं
गृहिणियों को,
मेकअप का सामान
घुट रहा है
डिबियों-बोतलों में.
बीमार कर रखा है
सबको कोरोना ने,
सबको इंतज़ार है
लॉकडाउन टूटने का.
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुघवार 29 एप्रिल 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत सही।
जवाब देंहटाएंआगे-आगे देखिए, होता है क्या?
bahut sahi vishleshan ..
जवाब देंहटाएंbesabri se intjar hai lockdown tutne ka
सटीक विश्लेषण ,सही में लॉकडाउन टूटने का बेसब्री से इंतजार है
जवाब देंहटाएंवाह!ओंकार जी ,बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंसमसामायिक रचना ... पर लॉकडाउन टूटने से ज्यादा इंतज़ार है ... कोरोना के मिटने का
जवाब देंहटाएंइंतजार तो है लॉकडाउन टूटने का , लेकिन अभी आसार कुछ और ही हैं।
जवाब देंहटाएंसादर
बीमार कर रखा है
जवाब देंहटाएंसबको कोरोना ने,
सबको इंतज़ार है
लॉकडाउन टूटने का.
सही कहा आपने..सब को इतन्ज़ार है महामारी के नष्ट होने का...लॉकडाउन खत्म होने का .
बहुत ही उम्दा लिखावट , बहुत ही सुंदर और सटीक तरह से जानकारी दी है आपने ,उम्मीद है आगे भी इसी तरह से बेहतरीन article मिलते रहेंगे Best Whatsapp status 2020 (आप सभी के लिए बेहतरीन शायरी और Whatsapp स्टेटस संग्रह) Janvi Pathak
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