top hindi blogs

शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

३९०. दिसम्बर का एक दिन

Winter, Fog, Outside, Cold, Branches

बालकनी में बैठकर धूप सेकना,
गुड़ में पगे  तिल के लड्डू खाना,
मूँगफलियाँ छीलकर दाने चबाना,
मूली के गर्मागर्म पराठे सटकाना. 

अदरकवाली चाय की ख़ुश्बू ,
घी में सिकते हलवे की महक,
टमाटर का सूप,संतरे का रस,
मक्के की रोटी,सरसों का साग. 

सूरज को छकाती अलसाई-सी सुबह,
पत्तों पर ठहरीं ओस की बूँदें,
शॉल में लिपटी सुरमई-सी शाम,
रजाई में दुबकी ठंडी-सी रात. 

इस मौसम में आपके पास इतना कुछ है,
तो आपसे धनी और कौन है?

10 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 07 दिसम्बर 2019 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  2. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (०८ -१२-२०१९ ) को "मैं वर्तमान की बेटी हूँ "(चर्चा अंक-३५४३) पर भी होगी
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
    महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर सृजन ,सादर नमन आपको

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह!!ओंकार जी ,खूबसूरत सृजन ।
    अदरक वाली चाय की खुशबू
    घी में सिकते हलवे की महक ...।वाह!

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत खूब ...
    काफी है ये आनंद इन सर्दियों में साँसों के लिए ...

    जवाब देंहटाएं