सांता,
तुम क्रिसमस पर हर साल आते हो,
तरह-तरह के उपहार लाते हो-
टॉफ़ी,बिस्कुट और न जाने क्या-क्या.
इस बार आओ, तो उपहारों के साथ
चुनिन्दा संस्कार भी ले आना,
टॉफ़ी,बिस्कुट तो ख़त्म हो जाएंगे,
पर संस्कार शायद जड़ें जमा लें
और आज के बच्चे कल बड़े होकर
शायद आज के बड़ों से कुछ अलग हों.
यथार्थ को उजागर करने वाली कविता....
जवाब देंहटाएंसाधुवाद 🙏